समाजिक समरसता और हमारा अनुसूचितजाति समाज - प्रवक्ता.कॉम - Pravakta.Com
'' अनुसूचित जाति उन्हीं बहादुर ब्राह्मण व क्षत्रियों के वंशज हैं, जिन्होंने जाति से बाहर होना स्वीकार किया, लेकिन मुगलों के जबरन धर्म परिवर्तन को स्वीकार नहीं किया। आज के हिंदू समाज को उनका शुक्रगुजार होना चाहिए, उन्हें कोटिश: प्रणाम करना चाहिए, क्योंकि उन लोगों ने हिंदू के भगवा ध्वज…