जीवन की कुछ सच्चाईयां

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पांच तत्वों से बना है शरीर,इसमें ही मिल जायेगा ||
न कुछ लाया था मानव,ना कुछ वह ले जायेगा ||
फिर भी हाहाकार मचा है,बन्दे में कैसी नासमझी |
माया मोह में फसी है दुनिया,इसमें है पूरी उलझी ||

कर ले कुछ नेक काम,फिर ये शरीर नही मिल पायेगा |
दुनिया की इस आपा धापी में वक्त नहीं मिल पायेगा ||
छोड़ मोह माया का चक्कर,भगवान का ध्यान कर ले |
समय नहीं मिल पायेगा,कब मृत्यु तुझे गले लगा ले ||

न कुछ तेरा न कुछ मेरा,बस चिड़िया रैन बसेरा है |
उठ जाग मुसाफिर अब भोर भई हो गया सबेरा है ||
निपट अपने नित्य कर्मो से,भगवान् को याद कर ले |
जब अंत समय आयेगा लोग कहेगे इसको ले चल ले ||

आर के रस्तोगी 
मो 9971006425

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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