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कुछ कहता है सावन - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
कुछ कहता है सावन,मेरे मन के आँगन मे,साजन से तेरा मिलन करा दूक्या दोगी मुझे निछावन मे. मैं एक ऐसा सावन हूँ,तेरे तन मे अग्नि लगाता हूँमैं ही तेरे साजन को बुलाकरतेरे तन की प्यास बुझाता हूँ सावन मे ही तुमको मैंकोयल की कूक सुनाता हूँबागो मे झूले डलवा करतुझे…