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सॉरी गांधी! सॉरी अन्ना! - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
आशुतोष आचार्य जानकी वल्लभ शास्त्री चले गये। छायावाद के इस पुरोधा ने सौ से अधिक रचनायें लिखीं, पांच हजार से अधिक गीत। कोई एक गीत दूसरे की प्रतिलिपि नहीं। साहित्य में ही नहीं, निजी जीवन में भी प्रसाद और निराला के अनुयायी, उन्हीं की तरह स्वाभिमानी। कुछ समय पूर्व सरकार…