pravakta.com
व्यंग्य: अवतारी अब बाजारन के - अशोक गौतम - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
हे मेरे देश के दीवाली के दिन राम के चौदह बरस का बनवास काट कर आने की खुशी में रात भर जुआ खेलने वाले जुआरियो! हे मेरे देश के दीवाली के नाम पर मातहतों का गला काट कर गिफ्टों के नाम पर शूगर के पेशेंट होने के बाद भी अपना…