भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में शनिवार को दिनभर चले कार्यक्रम के बाद स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम की औपचारिक रूप से लॉन्च कर दिया गया। इस कार्यक्रम के अंत में खुद नरेंद्र मोदी ने तमाम उद्यमियों के सामने बोलते हुए स्टार्टअप इंडिया योजना के नफे व नुकसान को साझा किया। मालूम हो कि स्टार्टअप इंडिया नरेंद्र मोदी की सपनों की योजना है जिसकी घोषणा उन्होंने बीते वर्ष स्वतंत्रता दिवस के दिन की थी। मोदी सरकार द्वारा शुरू की गयी तमाम अहम योजनाओं में से एक स्टार्टअप इंडिया का खाका कार्यक्रम के माध्यम से देश की जनता के सामने रखा गया है। दिल्ली के विज्ञान भवन में शनिवार पूरे दिन चले कार्यक्रम के बाद में मोदी के अतिरिक्त देश के वित्त मंत्रालय ने भी योजना से सम्बंधित अपने विचार साझा किये। शुरुआत करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि इससे देश में लाइसेंस राज को खत्म किया जाएगा। इसके साथ ही यह योजना भविष्य में बहुत जल्दी ही देश में पीढ़ियों से चली आ रही परंपराओं को बदल देगी और सरकार की भूमिका केवल सुविधाएं उपलब्ध करवाने तक रह जाएंगी।
स्टार्टअप योजना के तहत देश के युवाओं को ऊद्यमी बनाने का प्रयास करने वाली इस योजना के बारे में बात करते हुए यह जानना बेहद जरुरी है कि मौजूदा वक़्त में देश के भीतर तमाम युवा इस ओर आकर्षित हो रहे हैं। कई वर्षों पहले तक अमूमन लोगों की पसंद एक तय मानक तक डिग्री लेने के बाद सरकारी नौकरी करने की होती थी। समय के साथ आये सामाजिक और आर्थिक बदलाव की वजह से लोग प्राइवेट नौकरियों में भी रुचि लेने लगे। इसके बाद मौजूदा वक़्त में युवाओं की नज़र विदेशी युवाओं की तर्ज पर खुद का व्यवसाय खड़ा करके देश के भीतर नए युवाओं को ज्यादा से ज्यादा नौकरियां प्रदान करने पर है। बड़ी तादाद में युवा खुद का स्टार्टअप शुरू कर रहे हैं या करने वाले हैं। स्टार्टअप के मामले में यह भी सर्वविदित है कि ज्यादा से ज्यादा स्टार्टअप मँझदार में ही आकर बंद हो जाते हैं। ये सभी आर्थिक कमी, समय पर सफलता न मिलने आदि की वजहों से बंद हो जाते हैं लेकिन यह भी वास्तविकता है कि जो तमाम मुश्किलों का सामना करके खुद को बाजार में स्थापित कर पाते हैं वो भविष्य में देश के लिए नौकरी उत्पादन का जरिया बनते हैं। देश में बढ़ रही बेरोजगारी को कम करने में ये स्टार्टअप अहम भूमिका निभाते हैं और अब इस योजना के बाद पूरी उम्मीद है कि कई युवाओं को ये नौकरी प्रदान करेंगे. नौकरी देने के साथ ही ये योजना देश की अर्थव्यवस्था में भी मज़बूती लाने का काम कर सकती है।
भारत में बीते कुछ वर्षों में स्टार्टअप में बेहद तेज़ी आई है। वर्ष 2015 में आई नैसकॉम की रिपोर्ट के अनुसार भारत स्टार्टअप के मामले में समूची दुनिया में तीसरे नंबर पर पहुंच चुका है। अब भारत के आगे सिर्फ अमेरिका और ब्रिटेन ही हैं। स्टार्टअप की गति में तेज़ी आने के बाद से ही निवेश में भी काफी बढ़त देखी गयी है। साल 2014 में 179 स्टार्टअप में कुल 14500 करोड़ का निवेश हुआ वहीँ 2015 में 400 स्टार्टअप में करीब 32 हजार करोड़ का निवेश हुआ है। तमाम स्टार्टअप में निवेश करने वाले निवेशकों में बड़े से बड़े व्यवसायी भी खुलकर सामने आ रहे हैं। बीते वर्ष देश के बड़े बिजनेसमैन के रूप में पहचाने जाने वाले रतन टाटा ने भी कई स्टार्टअप में निवेश करके यह दिखा दिया है कि भविष्य में उनकी निगाहें निवेश को लेकर इस ओर भी हैं। शनिवार को हुए कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी ने स्टार्टअप योजना को सफल बनाने के लिए एक फण्ड बनाने की भी बात की है। मोदी के मुताबिक मौजूदा सरकार स्टार्ट अप की जरूरतों को पूरा करने के लिए 10 हजार करोड़ का फंड ऑफ फंड बनाएगी। इतना ही नहीं अगर कोई स्टार्टअप की शुरआत करता है तो उसे पहले तीन वर्षों तक टैक्स में छूट भी दी जाएगी। विज्ञान भवन से स्टार्टअप योजना के लिए की गयीं ये तमाम घोषणाओं से मालूम पड़ता है कि सरकार इसे सफल बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है।
स्टार्टअप इंडिया के भविष्य के बारे में बात करते हुए इसके नकारात्मक पहलुओं को भी सामने लाना बहुत जरुरी है। गौरतलब है कि केंद्र की सत्ता में आने के बाद से ही नरेंद्र मोदी सरकार ने कई अहम योजनाओं की शुरआत की है। स्वच्छ भारत योजना, स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट, बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट आदि इन्ही में से कुछ नाम हैं। कई मीडिया व अन्य रिपोर्ट्स में दावा किया गया है कि दो साल से भी काम अंतराल के अंदर शुरू हुए इन तमाम अहम योजानाओं में से कई योजनाएं धरातल पर शून्य ही नज़र आई हैं। कई आंकड़ें इस ओर इशारा करते हैं कि गंगा की सफाई, स्वच्छ भारत योजना आदि जैसे कुछ अहम योजनाओं को शुरू तो बहुत धूमधाम से किया गया था लेकिन यह समय बीतने के साथ ही यह योजनाएं असफल होने लगी हैं। गंगा नदी की सफाई के लिए सरकार ने कई करोड़ों रुपयों का उपयोग भी कर लिया है लेकिन सफाई न के ही बारबार है। खैर, अब जब मोदी सरकार ने महत्वकांक्षी स्टार्टअप योजना की शुरआत कर दी है तो इसे सफल बनाने का भरपूर प्रयास करना होगा। यहाँ तक कि महज सरकार को ही नहीं बल्कि विपक्ष की भूमिका में बैठी तमाम अन्य राजनैतिक दलों को भी योजना को सफल बनाने के लिए सरकार का सहयोग देना चाहिए जिससे युवाओं के भविष्य को बेहतर बनाने के लिए शुरू की जा रही इस योजना का लाभ अधिक से अधिक युवाओं को मिल सके।
मदन तिवारी
विश्व का हर विकसित देश निजी क्षेत्र की सक्रिय सहभागिता से ही विकसित हो पाया है। लेकिन हमारे यहाँ नौकरशाहों ने उद्यमी के सामने इतनी जटिल शर्ते रखी की उनकी उधमशीलता ने दम तोड़ दिया। मोदी जी ने युवाओ और उद्यमियो के अंदर की प्रतिभा को प्रस्फुटित होने का अवसर दिया है।