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कहानी - शौक - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
शाम का वक्त था, सूरज अपनी दिन भर की मेहनत करके घर वापसी की ओर लोट रहा था। ठीक उसी तरह जैसे कोई दिहाडी मजदूर शाम होते ही अपने घर की राह पकडने की ओर आतुर रहता है। कोई 70-72 साल का एक बुजुर्ग अपनी एक टूटी सी साईकिल पर…