pravakta.com
कविता : अजीब है ये जिंदगी भी - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
अजीब है ये जिंदगी भी अजनबी सी ना जाने क्यों लगती है ज़िन्दगी , मुझ पर हसती सी क्यों लगती हैं ज़िन्दगी, रिश्तों की धुप में हमने देखे हैं कितने साये , किसी को अपना किसी को पराया समझती हैं ज़िन्दगी, पल पल में जुडती है इस ज़िन्दगी की सांसें…