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शिखा श्रीवास्‍तव की कविता : कितनी अजीब है रिश्तों की कहानी... - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
ऐसी है बेईमान रिश्तों की कहानी, ताउम्र बंधन का दंभ भरने वाले रिश्ते, एक ही पल में बदल देते हैं अपना रंग और रूप कितनी अजीब है रिश्तों....। जिन मां-बाप ने पाला-पोसा बेटी को, विवाह की बेला आते ही क्यों कम हो जाता है, उनका हक और अधिकार कितनी अजीब…