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सूर तुलसी विद्यापति की बोली अब मानक हिन्दी के अनुकूल नहीं - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
---विनय कुमार विनायकसूर तुलसी और विद्यापति की आंचलिक बोलीअब मानक हिन्दी राष्ट्र भाषा के अनुकूल नहीं,विद्यापति सूरदास तुलसीदास जब लिख रहे थे,तब हिन्दी भाषा नहीं जन्मी, ना फूली फली थी,बिल्कुल गर्भस्थ शिशुवत,कलियां नहीं खिली थी! उत्तर भारत में संस्कृत पाली प्राकृत और अपभ्रंश,विदेशी अरबी तुर्की फारसी भाषाई आक्रांताओं कीअसि मसि…