महाकाल मंदिर में विकास का सरेंडर

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किया सरेंडर विकास ने,महाकाल के मंदिर में।
काल न बचा सका,जब महाकाल था अन्दर में।।

बुलाया था महाकाल ने उसको,केवल पकड़वाने को।
महाकाल बना है केवल,ऐसे दरिंदो को मरवाने को।।

महाकाल ने ही किया न्याय,जो कर सके न न्यायलय।
इसलिए महाकाल कहलाता है,न्याय का शिवालय।।

जो करता है सच्चे मन से पूजा,उसकी रक्षा वह करता।।
जो होता है दुराचारी,उसकी कभी रक्षा नहीं वह करता।।

हुई शांति अब देश में महाकाल ने जब उसे पकड़वाया।
महाकाल के कारण ही,वह पुलिस की पकड़ में है आया।।

करते हैं नमन महाकाल को हम जिसने भक्तो को बचाया।
वरना ये दुष्ट विकास कर देता,शिव भक्तो का सफाया।।

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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