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देशप्रेम की साकार और व्यावहारिक अभिव्यक्ति है स्वदेशी - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
- लोकेन्द्र सिंह मुझे आज तक एक बात समझ नहीं आई कि कुछ लोगों को स्वदेशी जैसे अनुकरणीय, उदात्त और वृहद विचार का विरोध क्यों करते हैं? स्वदेशी से उन्हें क्या दिक्कत है? मुझे लगता है कि स्वदेशी का विरोध वे ही लोग करते हैं जो मानसिकरूप से अभी भी गुलाम हैं…