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ताजमहल एवं मोक्षधाम - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
डा. राधेश्याम द्विवेदी मानव जीवन कितना अमोल, ब्रह्माण्ड हेतु कुछ कर जाओ। प्रत्यक्ष स्वर्ग व नरक यहां , दिल से जीयो ना बिसराओ । भारत रहा जगत का गुरु, सोने का चिड़िया कहा जाता। झूठी शान-शौकत में पड़कर , कोई ना इसे समझ पाता।। प्रत्यक्ष खड़े विरासतों को , पीढ़ी…