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दलदल की गवाही - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
आज दादाजी फिर कहानी सुनाने बैठ गये| गरमी का समय था,बढ़िया कूलर की हवा का आनंद लेते हुये सब बच्चे उन्हें घेर कर बैठे थे|कहानी फिर धरमपुरा रियासत और वहां के दीवान लाला पीतांबर से शुरु हुई| टुन्नेलाल ने पूँछा " नाम के बाद यह लाल लगाने का रिवाज़ कितना…