pravakta.com
थकान - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
बहुत छायी,खूब छायी, जीवन में उदासी हताश मन,बोझल तन,ड़ूबी है बोझ से जिन्‍दगी उबासी। हैरान है,परेशान है, जीवन के रास्‍ते, हम बहुत थके, खूब थके, जिन्‍दगी तलाशते। हाथ थके,पाँव थके, थके सारे अंग, श्रद्धा थकी, विश्‍वास थका, थका जीने का ढंग। उम्‍मीद थकी, इंतजार थका, कल्‍पनाओं का आकाश थका मान…