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पत्रकारिता की विश्वसनीयता : भरोसे का वज़न करता समाज  - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
मनोज कुमार इन दिनों भरोसा तराजू पर है. उसका सौदा-सुलह हो रहा है. तराजू पर रखकर उसका वजन नापा जा रहा है. भरोस कम है या ज्यादा, इस पर विमर्श चल रहा है. यह सच है कि तराजू का काम है तौलना और उसके पलड़े पर जो भी रखोगे, वह…