एक और कैलेंडर का बदल जाना …!!

तारकेश कुमार ओझा
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बचपन में सुना था हैप्पी है बर्थ
अरसे बाद जाना इसका अर्थ
फिर सुना हैप्पी न्यू ईयर


हिंदी में बोले तो शुभ नववर्ष
उलझन ने मन को बहुत भरमाया
एक खास दिन का उत्सव में बदल जाना


देर तक अपनी समझ में न आया
मथा खुद को सोचा खूब
जीवन में कितनी छांव कितनी धूप


क्या रोज की तरह आने वाला एक दिन
देती है किसी को इतनी खुशी
क्यों शुभ – शुभ करने के बाद भी


जीवन की पटरियों पर घिसटती रहती है जिंदगी
क्या इसके पीछे है कोई हकीकत
या महज ख्यालों से दिल बहलाना
परिवर्तन का अहसास या एक कैलेंडर का बदल जाना

तारकेश कुमार ओझा 

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