देश ही सर्वोच्च है।

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जिस देश में हमने जन्म लिया,
उस देश पर हम बलिदान हो जाए।
जो निर्बल है पिछड़े है इस देश में,
उनको तारे हम पहले फिर खुद तर जाए।।

रहे ध्यान निज मान मर्यादा का,
उसका हनन हम कभी न होने दे।
जो करे हनन हमारी मर्यादाओं का,
उनको देश में कभी हम बढ़ने न दे।।

करे देश की रक्षा हम सब,
हर सीमा पर हम डट जाएं।
जो देखे देश को कुदर्ष्टी से,
उनके सीने पर हम चढ़ जाए।

करे विकास देशवासियों का हम सब
कोई विकास से वंचित न रह जाए।
जो रहे देश में पिछड़े अभी तक,
उनको आगे हर क्षेत्र में लेे जाए।।

जो करे हमारे देश के टुकड़े टुकड़े,
उनको देश से बाहर निकाला जाए।
पानी फेरे उनके इस इरादे को,
उनको अब मृत्यु दण्ड दिया जाए।।

करे सम्मान उन सब लोगों का,
जो देश की सेवा निस्वार्थ करते हो।
दे सम्मान अमर शहीदों जैसा,
जो अपना निज बलिदान करते हो।।

करे सम्मान देश के संविधान का,
वहीं देश की कुरान व गीता है,
जो चले देश के संविधान विरूद्ध,
उनको अब केवल फांसी का फीता है।।

भारत मां से न बडा कोई देश में,
जो उसका अपमान देश में करता हो,
उनके सीने में अब गोली दागनी,
चाहे वह कितना बड़ा लीडर हो।।

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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