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आई ज्ञान की आंधी - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
आशुतोष कबीरदास ने कहा है – संतों भाई, आई ज्ञान की आंधी। भ्रम की टाटी सबै उड़ाणी, माया रहे न बाकी। आंधी तो आंधी है। वह जब आती है तो सब कुछ उड़ा ले जाती है। ऊंचा-नीचा, अच्छा-बुरा, उजला-काला, रात-दिन, कुछ नहीं देखती। सामने तिनका हो या पूरा पेड़, वह…