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प्रकृति का संदेश - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
न करो तुम दोहन मेरा ,न करो तुम दूषित मुझको |हे ! मानव मै कोई वायरस नहींप्रकृति का संदेश है तुझको || सदियो से मनमानी करता आया ,मनमुटाव मुझसे करता है आया |जल और वायु जो जीवन उपयोगी ,उनको सदा तू दूषित करता आया || धरा और गगन को तूने…