राममंदिर हिंदुओं की नहीं, राष्ट्र की अस्मिता का सवाल: चम्पत राय

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नई दिल्ली. अयोध्या में राममंदिर के निर्माण की सुगबुगाहट धीरे-धीरे तेज होती जा रही है. इसे लेकर अनेक संगठन अपने-अपने तरीके से सक्रिय हो गए हैं. सरकार तक देश की इस भावना को पहुंचाने के लिए आभास नामक संस्था के बैनर तले राममंदिर और भारतीय अस्मिता नाम से एक संगोष्ठी का आयोजन दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन में हुआ.
कार्यक्रम में मुख्य वक़्त के रूप में पधारे विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय महासचिव चम्पत राय ने कहा कि अयोध्या में राममंदिर का निर्माण होना ही समस्या का अंतिम और एकमात्र विकल्प है. हिन्दू समाज उसके बिना किसी भी कीमत पर कोई समझौता स्वीकार नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि हिंदुओं के लिए उस स्थान का बहुत महत्त्व होता है, क्योंकि उस स्थल की पूजा एक गर्भगृह के रूप में हो जाती है. जबकि मुस्लिमों के लिए जगह का कोई महत्त्व नहीं होता और वे जहाँ इबादत करेंगे उसी को मस्जिद की संज्ञा दे दी जाती है. ऐसे में मुस्लिम अपना दावा छोड़ सकते हैं, जबकि होंदी जगह के परिवर्तन जैसा कोई समझौता नहीं कर सकता.
कार्यक्रम के अध्यक्ष रामबहादुर राय ने कहा कि अब वह समय आ गया है जबकि आंदोलन को पूर्ण गति से आगे बढ़ाया जाना चाहिए, अगर अभी भी राममंदिर नहीं बना तो बहुत देर हो जायेगी. पहले ही इतना लम्बा समय गुजार चूका हिन्दू समाज अब इसे बर्दाश्त नहीं कर सकता.
भाजपा के पूर्व संगठन महामंत्री संजय जोशी ने कहा कि जिस समय अमेरिका और ब्रिटेन हमारे सांस्कृतिक प्रतीकों को महत्त्व दे रहे हैं, हम अपने ही प्रतीकों को महत्त्व नहीं दे पा रहे हैं. यह निहायत गलत बात है और इसका परिवर्तन होना चाहिए.
पत्रकार मनोज वर्मा ने एक सर्वे का उल्लेख करते हुए बताया कि अयोध्या और साथ ही साथ पूरे देश की जनता इस समस्या का समाधान राममंदिर के निर्माण के रूप में देखना चाहती है. सरकार को इस विषय पर विचार करना चाहिए.
रमाकांत पांडेय ने बाबरी ध्वंश के समय के अपने अनुभव को बताते हुए कहा कि वे उस समय वहां उपस्थित थे. जो हुआ वह तत्कालीन परिस्थितियों के वजह से हुआ और उत्साहित युवाओं ने विवादित ढांचा गिरा दिया. उन्होंने कहा कि भाजपा और विहिप नेता उत्साहित युवाओं को रोकने में बिलकुल नाकाम रहे.
कार्यक्रम के अंत में यूथ कैंपस पत्रिका के मुख्य सम्पादक धनराज गिरी ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि अयोध्या में राम मन्दिर ही था और यह प्रमाणित हो चूका है. ऐसे में देश को बिना देर किये अब हमारे प्राण स्वरूप भगवान राम का मन्दिर बनाया जाना चाहिए.
कार्यक्रम का आयोजन कराने वाली संस्था आभास ( आज़ाद भारत संघ ) समय-समय पर समाज से जुड़े कार्यक्रम करवाती रहती है. स्कूली छात्रों को उत्साहित करने के लिए पुरस्कार वितरण सहित समाज की जागरूकता हेतु अनेक कार्यक्रम संस्था लगातार करवाती रहती है.
कार्यक्रम का सञ्चालन रवि शर्मा ने किया. कार्यक्रम में मनोज वर्मा, मनोज कबीर पंथी, सन्दीप ठाकुर, तिलक सिंह, राकेश सिंह, अरुण उपाध्याय, रमेश आनंद, नीरज सिंह, संजय गिरी, राजू क्षेत्री, राकेश डागर, दिनेश तिवारी, रामप्रकाश पांडेय, मनोज कटारिया, पनकी चहल, योगेश त्यागी और ओमकार पण्डित ने भाग लिया.

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