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परिवार संस्कृति भुलाने का दर्द - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
- ललित गर्ग - ‘वसुधैव कुटुंबकम’ का भाव सदैव से धारण किए हुए भारतीय समाज ने पूरी वसुधा को अपना परिवार माना है। परंतु वर्तमान में विश्व तो दूर, हमारी परिवार परम्परा की बिखरने के कगार पर खड़ी है। संयुक्त परिवार में ही नहीं एकल परिवारों में कलह के बादल…