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खुशहाल पारिवारिक जीवन का रहस्य : भाग -1 - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
बस यार बहुत हो गया, दो साल से ज्यादा हो गये, अब नही सहा जाता, अब लगता है तलाक देना ही पड़ेगा, किन्तु बच्चों के बारे में सोचकर असमंजस में पड़ जाता हूँ। इस तरह बोलकर विनय चुप हो गया और उसकी आंखे भर आयी। यह कहानी है मेरे प्रिय…