डा. राधेश्याम द्विवेदी
आगरा। दीवानी चौराहा स्थित भारत माता की प्रतिमा 3 नवंबर 2016 की रात कुछ असामाजिक तत्वों ने क्षतिग्रस्त कर खंडित कर दिया । दीवानी क्रासिंग पर यह प्रतिमा 17 जून 2000 में स्थापित हुई थी, जिसका उदघाटन मौजूदा विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने किया था। 30 सितंबर 2007 को प्रदेश के तत्कालीन उद्यान मंत्री नारायण सिंह सुमन और तत्कालीन सांसद राजबब्बर ने भारत माता पार्क एवं छतरी का लोकार्पण किया था। भारत माता की प्रतिमा को दूसरी बार खंडित किया गया। इससे पहले 2012 में चार नवंबर को ही प्रतिमा खंडित की गई थी। तब भी भारी बवाल हुआ था। भारत विकास परिषद ने इसे जयपुर से बनवाकर लगभग साढ़े तीन महीने बाद दोबारा लगवाया था। उस दौरान पुलिस प्रशासन ने सीसीटीवी कैमरा लगाने और दो सिपाही तैनात करने को कहा था। सीसीटीवी कैमरे तो नहीं लगे। दो सिपाही भी चार महीना ड्यूटी करने के बाद हटा दिए गए।
3 नवंबर 2016 की रात प्रतिमा टूटने पर बवाल खड़ा हो गया है। यह घटना शहर में आग की तरह फैल गई। सूचना पाते ही बड़ी संख्या में हिन्दूवादी संगठन बजरंग दल, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के पदाधिकारी व कार्यकता पहुंच गए। भाजपा विधायक योगेंद्र उपाध्याय और जगन प्रसाद गर्ग बड़ी संख्या में समर्थकों के साथ पहुंच गए। खंडित प्रतिमा देख लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। मौके पर बड़ी संख्या में हरिपर्वत पुलिस पहुंच गई। वहीं चौराहा पर हंगामा की वजह से एमजी रोड पर दोनों तरफ कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया। यातायात व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई ।लोगों में प्रशासन के खिलाफ नाराजगी देखी गई। 4 नवंबर की सुबह इस खुराफात का पता चलने पर लोग भड़क गए। भाजपाइयों और हिंदूवादी संगठनों के कार्यकर्ताओं ने जबरदस्त हंगामा कर एमजी रोड पर जाम लगा दिया। आगरा दक्षिण से भाजपा विधायक योगेंद्र उपाध्याय ने प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया।उन्होंने प्रतिमा तोड़ने वाले आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की मांग की है। लोगों का गुस्सा देख पुलिस के हाथपांव फूल गए। हालांकि, अभी तक मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। पुलिस जांच में जुट गई है। पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रतिमा के सामने ही तीन घंटे धरना दिया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच प्रतिमा को शीघ्र सही कराने और मूर्ति खंडित करने वालों को गिरफ्तार कर कार्रवाई पर जाम को खोला गया। दोपहर तक चले बवाल के बाद प्रशासन ने नई प्रतिमा लगवाए जाने का आश्वासन दिया। तब जाकर मामला शांत हुआ। इस दौरान दो सीओ और चार थानों की फोर्स तैनात रही।
अष्ट धातु की प्रतिमा लगाने की मांग:- एडीएम सिटी धर्मेंद्र सिंह और प्रभारी एसपी सिटी विद्या सागर मिश्र के सामने मांगे रखी गई। भाजपाइयों ने प्रतिमा स्थल पर धरना देकर की दोषियों पर कार्रवाई, अष्ट धातु पीतल की प्रतिमा लगाने और दोषियों पर रासुका लगाने की मांग की गई है। तमाम संगठनों ने घटना की निंदा की है।महानगर अध्यक्ष विजय शिवहरे के नेतृत्व में भाजपाई दीवानी स्थिति प्रतिमा स्थल पर पहुंचे। वहां धरने पर बैठ गए। नारेबाजी करने लगे। भाजपाइयों ने कहा कि इस कृत्य को करने वालों को तत्काल पकड़ा जाए। उन पर देशद्रोह का मुकदमा चले। प्रशासन अष्ट धातु या पीतल की प्रतिमा लगवाए। पार्क में उचित प्रकाश व्यवस्था हो और सीसीटीवी कैमरे भी लगवाए जाएं। हंगामा प्रदर्शन में भाजपा, आरएसएस, विहिप, हिंदू जागरण मंच, हिंदू युवा वाहिनी, भारत विकास परिषद शामिल रहे। सांसद प्रतिनिधि प्रमोद गुप्ता व प्रवक्ता शरद चौहान ने प्रतिमा खंडित करने वालों पर रासुका लगाने की मांग की है।भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष अशोक राना ने कहा है कि एक ओर मोदी सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए सेना का मनोबल और देशवासियों का सिर गर्व से उठाया है। वहीं सपा शासन में भारत माता तक सुरक्षित नहीं है। हिंदू जागरण मंच के पदाधिकारियों ने भी प्रतिमा स्थल पर पहुंचकर घटना पर आक्रोश जताया। मंच के प्रदेश महामंत्री अविनाश राना, युवा वाहिनी प्रदेशाध्यक्ष अज्जू चौहान और धर्म जागरण मंच के नंद किशोर वाल्मीकि ने कहा कि घटना सोची-समझी साजिश के तहत की गई है। उन्होंने दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा कि अगर 24 घंटे में गिरफ्तारी नहीं हुई तो आंदोलन किया जाएगा। रोष जताने वालों में जितेंद्र प्रताप सिंह, राजेश वर्मा, रविशंकर शर्मा, राजन गुप्ता, देव शर्मा, कृष्णा पाराशर, मनोज चौहान, प्रिंस अग्रवाल, अमित रावत आदि शामिल थे।आप ने की रासुका की मांगआम आदमी पार्टी के वीर बहादुर सिंह धाकरे एडवोकेट की अध्यक्षता में हुई बैठक में घटना पर रोष व्यक्त किया गया। उन्होंने कहा कि आगरा प्रेम व सौहार्द की नगरी है। मगर ऐसी घटनाओं के जरिए कुछ लोग माहौल खराब करना चाहते हैं। ऐसे लोगों को चिन्हित कर रासुका लगाई जाए।
4 नवम्बर को सम्राट औरंगजेब आलमगीर की जयन्ती भी:-अबुल मुज़फ्फर मुहिउद्दीन मुहम्मद औरंगज़ेब आलमगीर जिसे आमतौर पर औरंगज़ेब या आलमगीर (विश्व विजेता) के नाम से जाना जाता था भारत पर राज्य करने वाला छठा मुग़ल शासक था।198 वर्ष पहले 4 नवम्बर को सम्राट औरंगजेब का जन्म भी हुआ था।औरंगज़ेब ने भारतीय उपमहाद्वीप पर आधी सदी से भी ज्यादा समय तक राज्य किया। वो अकबर के बाद सबसे ज्यादा समय तक शासन करने वाला मुग़ल शासक था।औरंगज़ेब के शासन में मुग़ल साम्राज्य अपने विस्तार के चरमोत्कर्ष पर पहुंचा। औरंगज़ेब ने पूरे साम्राज्य पर फतवा-ए-आलमगीरी शरियत या इस्लामी कानून पर आधारित लागू किया और कुछ समय के लिए गैर-मुस्लिमो पर अतिरिक्त कर भी लगाया। गैर-मुसलमान जनता पर शरियत लागू करने वाला वो पहला मुसलमान शासक था। उसने अनेक हिन्दू धार्मिक स्थलों को नष्ट किया और गुरु तेग बहादुर की हत्या करवा दी। उसके आदर्शों पर आधारित अनेक मुस्लिम संगठन आज विश्व शान्ति के लिए समस्या बन चुके हैं। तालिबान, पाकिस्तान तथा इराक आदि देशों में इन चरमपंथियों के अनेक संगठनों के जेहादी कृत्य आज विश्व शान्ति को चुनौती दे रहे हैं। आगरा तो कभी सुलहकुल की नगरी रही है। यदि यहां का माहौल विगाड़ने की ये विदेशी या सिमी जैसे संगठन प्रयास करेगी तो यह आगरा, उत्तर प्रदेश तथा भारत के निवासियो तथा सरकार के लिए गम्भीर समस्या उत्पन्न हो सकती है। जांच एजेन्सी को इस विन्दु को ध्यान में रखकर अपनी जांच की अगली कार्यवाही करनी चाहिए।
एक तथ्यात्मक त्रुटि! औरंगज़ेब का जन्म १९८ बर्ष पूर्व अर्थात १८१८ को नहीं बल्कि ३९८ वर्ष पूर्व १६१८ में हुआ था! और १७०७ में उसकी मृत्यु हुई थी!