विश्व कप क्रिकेट की कहानी

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ए एन शिबली

एकदिवसीय क्रिकेट का सबसे पहला मैच 5 जनवरी 1971 को ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीचखेला गया। हुआ यह कि ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड के बीच मेलबोर्न में खेले जाने वाले तीस टेस्ट मैच के पहले तीन दिन का खेल बारिश की वज़ह से नहीं हो सका। दर्शकों की निराशा को दूर करने के लिए आयोजकों ने सोचा कि इस मैंच को रद्द कर के इस की जगह एक सीमित ओवर का एक मैच खेला गया। इस मैच में ऑंस्ट्रेलिया ने टॉस जीत कर पहले इंग्लैंड को बल्लेबाज़ी की दावत दी। पहले खेलते हुए इंग्लैंड की पूरी टीम 190 रन बना कर आउट हो गयी। जॉन एडरीच ने सबसे ज्यादा 82 रन बनाए। ऑंस्ट्रेलिया ने जीत के लिए 191 रन 35 ओवर में बना लिए और इस प्रकार इतिहास का सबसे पहला एकदिवसीए मैच ऑंस्ट्रेलिया ने जीता। और इस के बाद धीरे एकदिवसीए मैचों का सिलसिला शुरू हो गया। इतिहास का दूसरा एकदिवसीए मैच 24 अग्सत 1972 को खेला गया। शुरू में कम मैच खेले जाते थे। इस का अंदाज़ा इस से लगाया जा सकता है कि 1975 में जब पहली बार एकदिवसीए क्रिकेट के विश्व कप का आयोजन हुआ तो उस समय तक सिर्फ 18 मैच खेले गए थे।

पहला विश्व कप 1975

पहले विश्व कप की मेज़बानी का मौका इंग्लैंड को मिला। पहले विश्व कप में आठ टीमों ने भाग लिया। इनमें छह टीमें ऑंस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, पाकिस्तान, न्यूज़ीलैंड, भारत और वेस्ट इंडीज़ की थी जबकि बाक़ी की दो टीमें श्रीलंका और ईस्ट अफ्रीका की थी। आठ टीमों को दो ग्रूप में बांटा गया था। ग्रूप ए में इंग्लैंड, न्युज़ीलैंड, भारत और ईस्ट अफ्रीका की टीमें थीं जबकि ग्रूप बी में ऑंस्ट्रेलिया, पाकिस्तान, श्रीलंका, और वेस्ट इंडीज़को रखा गया था। पहले विश्व कप का पहला मैच इंग्लैंड और भारत के बीच खेला गया था। पहले ही मैच में भारत को 202 रनों से शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा। अगले मैच में कमज़ोर टीम ईस्ट अफ्रीका को भारत ने 10 विकेट से हराया। पहले विश्व कप में ऑंस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, न्यूज़ीलैंड और वेस्ट इंडीज़ की टीमें सेमी फाइनल में पहुंचीं। पहले सेमी फाइनल में ऑंस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड को 6 विकेट से हराया जबकि दूसरे सेमी फाइनल में न्युज़ीलैंड को वेस्ट के हाथों 5 विकेट से हार का सामना करना पड़ा। फाइनल 21 जून को लॉड्र्स में खेला गया। वेस्ट इंडीज़ ने पहले बल्लेबाज़ी की दावत मिलने के बाद पहले खेलते हुए निर्धानित 60 ओवर में 8 विकेट पर 291 रन बनाए। वेस्ट इंडीज़ के कप्तान कलाइवे लायोड ने शतक बनाया। जवाब में ऑंस्ट्रेलिया की पूरी टीम 274 रन बना का आउट हो गयी और इस प्रकार पहला विश्व कप जीतने का गर्व वेस्ट इंडीज़ को प्राप्त हुआ। लियोड को मैंन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला।

दूसरा विश्व कप 1979

1979 में दूसरे विश्व कप का आयोजन भी इंग्लैंड में ही हुआ। पहले विश्व कप की तरह इसबार भी इसमें आठ टीमों ने भाग लिया। इनमें ऑंस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, भारत, न्यूज़ीलैंड, वेस्ट इंडीज़ और पाकिस्तान वो टीमें थीं जिन्हें टेस्ट खेलने का दर्जा प्राप्त था जबकि श्रीलंका और कनाडा को इसलिए शामिल किया गया था क्योंकि इन टीमों ने आई सी सी ट्रॉफी में पहले दो पोज़ीशन हालिस की थी। इस बार भी टीमों को दो गरूपों में बांटा गया। ग्रूप ए में भारत, न्यूज़ीलैंड, श्रीलंका, और वेस्ट इंडीज़ को रखा गया जबकि ग्रूप बी में ऑंस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, पाकिस्तान और कनाडा की टीमें थीं। पहले विश्व कप की भांति इस बार भी सबसे पहले मैच में भारतिए टीम शरीक रही। भारत और वेस्ट इंडीज़ के बीच हुये इस मैच में भारत को नो विकटों से हार मिली। दूसरे विश्व कप में भारत की टीम एक मैच भी नहीं जीत सकी। पहले सेमी फाइनल में इंग्लैंड ने न्युजीलैंड को 9 विकेट से जबकि दूसरे सेमी फाइनल में वेस्ट इंडीज़ ने पाकिस्तान को 43 रनों से हराकर फाइनल मे खेलने का हक़ हासिल किया। 23 जून को खेले गए फाइनल मे पहले बल्लेबाज़ी करते हुये वेस्ट इंडीज़ ने विवियन रिचड्र्स के 138 रनों की मदद से 286 रन बनाए। जवाब में इंग्लैंड की पूरी टीम सिर्फ 194 रन बना कर आउट हो गयी और इस प्रकार वेस्ट इंडीज़ ने लगातार दूसरा विश्व कप जीत लिया। रिचड्र्स को मैन आफ द मैच का पुरस्कार मिला।

तीसरा विश्व कप 1983

लगातार तीसरे विश्व कप का आयोजन 1983 में इंग्लैंड में हुआ। पहली दो बार की भांति इस विश्व कप में भी आठ टीमों ने भाग लिया। सात टेस्ट खेलने वाली टीमों के अलावा आठवीं टीम ज़िम्बाब्वे की थी। इन आठ टीमों को दो ग्रुपों में बांट दिया गया।

इंग्लैंड, पाकिस्तान और श्रीलंका की टीम को ग्रूप ए में रखा गया जबकि ग्रूप बी में ऑंस्ट्रेलिया, भारत, वेस्ट इंडीज़ और ज़िम्बाब्वे की टीमें थीं। इस बार भारत की टीम सेमी फाइनल में पहुंची जहां उसने मेज़बान इंग्लैंड को हराया। दूसरे सेमी फाइनल में वेस्ट इंडीज़ की टीम ने पाकिस्तान को हराया और लगातार तीसरी बार फाइनल में पहुंची। चूंकि वेस्ट इंडीज़ की टीम एक मज़बूत टीम थी और उस समय भारत की कोई हैसियत नहीं थी इस लिए सबने यह पहले ही सोच लिया कि भारत को हार का मुंह देखना पड़ेगा। 25 जून को खेले गए फाइनल में भारत ने पहले बल्लेबाज़ी की और उसकी पूरी टीम सिर्फ 183 रन बना कर आउट हो गयी। वेस्ट इंडीज़ जैसी मज़बूत टीम के लिए यह बहुत ही मामूली लक्ष्य था। मगर इस मामूली टार्गेट को पीछा करते हुये वेस्ट इंडीज़ की पूरी टीम 140 रत के स्कोर पर आउट हो गई और इस प्रकार भारत ने सारी दुनिया को हैरान करते हुये वेस्ट इंडीज़ जैसी टीम को हरा कर कपिल देव की कप्तानी में विश्व कप जीत लिया। महिंदर अमरनाथ को मैन ऑफ द मैच का खिताब मिला।

चौथा विश्व कप 1987

1987 में चौथा विश्व कप संयुक्त रूप से भारत और पाकिस्तान की मेज़बानी में हुआ। पहले तीन विश्व कपों की तरह इस बार भी इस में आठ टीमों ने भाग लिया मगर इस बार मैच 60 ओवर के हुये। भारत और पाकिस्तान की टीमें सेमी फाइनल में तो पहुंची मगर अफसोस की बात यह रही की दोनों ही मेज़बान देश को सेमी फालनल में हार का सामना करना पड़ा। लाहोर में खेले गए पहले सेमी फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को 18 रनों से हराया जबकि मुंबई में खेले गये दूसरे सेमीफाइलन में इंग्लैंड ने भारत को 25 रनों से हरा दिया। फाइनल 8 नवंबर को कोलकता के एडेन काडर्ेन में खेला गया। फाइनल में टॉस ऑस्ट्रेलिया ने जीत कर पहले बल्लेबाज़ी की और निर्धारित 50 ओवर में 5 विकेट के नुकसान पर 253रन बनाए। जवाब में इंग्लैंड की टीम ने पूरे 50 ओवर तो खेले मगर सिर्फ 246 रन ही बना सकी। इस तरह ऑस्ट्रेलिया ने 7 रनों से जीत हासिल की और पहली बार विश्व कप हासिल किया। डेविड बून को मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाज़ा गया।

पाँचवा विश्व कप 1992

1992 में हुये पाँचवे विश्व कप की मेज़बानी संयुक्त रूप से ऑस्ट्रेलिया और न्युजीलैंड ने की। चूंकि काफी दिनों के बाद दक्षिण अफ्रीका की भी क्रिकेट में वापसी हो चुकी थी इस बार विश्व कप में आठ के बजाये 9 टीमों ने भाग लिया। इस बार टीमों को ग्रूप में नहीं बांटा गया बल्कि लीग मैचों के बाद पहली चार पोज़ीशन पर रहने वाली टीम को सेमी फाइनल में खेलने का मौका मिला। औकलैंड में खेले गए पहले सेमी फाइनल में पकिस्तान ने न्यूज़ीलैंड को 4 विकेट से हराया जबकि दूसरे सेमी फाइनल में इंग्लैंड ने दक्षिण अफ्रीका को 19 रनों से हराया। इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के मैच में बारिश ने रूकावट डाली और एक बार ऐसा मौका आया जब दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिए एक गेंद पर 20 रन बनाने का लक्ष्य दिया गया। बाद में इस नियम की काफी आलोचना हुई। फाइनल पाकिस्तान और इंग्लैंड के बीच खेला गया। टॉस पाकिस्तान ने जीता और पहले बल्लेबाज़ी करके 247 रनबनाए। जवाब में इंग्लैंड की पूरी टीम 227 रन बना कर आउट हो गयी और इस प्रकार इमरान ख़ान की कप्तानी में पकिस्तान विश्व कप जीतने में सफल हो गया। वसीम अकरम को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला। इस विश्व कप से मैन ऑफ द सिरीज़ अवार्ड देने का सिलसिला भी शुरू हुआ और यह पुरस्कार न्यूज़ीलैंड के मार्टिन करो ने जीता।

छठा विश्व कप 1996

1996 में आयोजित छठे विश्व कप में पहली बार ऐसा हुआ जब विश्व कप की मेज़बानी तीन देशों ने मिल कर की। भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका में संयुक्त रूप से आयोजित इस विश्व कप में इस बार 12 टीमों ने भाग लिया। इन 12 टीमों को दो गुरूपों में बांटा गया। ग्रूप ए में ऑस्ट्रेलिया, भारत, श्रीलंका, केन्या, वेस्ट इंडीज़ और ज़िम्बाब्वे को रखा गया जबकि ग्रूप बी में इंग्लैंड, पाकिस्तान, न्यूज़ीलैंड, दक्षिण अफ्रीका, संयुक्त अरब अमीरात और नीदरलैंड को रखा गया। कोयार्टर फाइनल में जीत हासिल करने के बाद श्रीलंका, भारत, वेस्ट इंडीज़ और ऑस्ट्रेलिया की टीमें सेमी फाइनल में पहुंचने में सफल हुई। कोलकता में खेले गए पहले सेमी फाइनल में श्रीलंका ने भारत को हरा दिया जबकि मोहाली में खेले गये दूसरे सेमी फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने वेस्ट इंडीज़ को हरा दिया। 17 मार्च को लाहोर में खेले गए फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने टॉस जीत कर पहले बल्लेबाज़ी की और निर्धारित 50 ओवर में 7 विकेट के नुक्सान पर 241 रन बनाए। जवाब में अरविंद डेसिलवा के शान्दार शतक से श्रीलंका ने बड़ी आसानी से जीत हासिल कर ली। डेसिलवा को मैन ऑफ द मैच खिताब से नवाजा गया। सनाथ जयसुरिया मैन ऑफ द सिरीज़ चुने गए।

सातवाँ विश्व कप 1999

पहले तीन विश्व कप की मेज़बानी के बाद इंग्लैड को 1999 में एक बार फिर सातवें विश्व कप की मेज़बानी का मौका मिला। इस बार भी इस में 12 टीमों ने भाग लिया। टीमें दो ग्रूपो में बांटी गईं। ग्रोप ए में इंग्लैंड, भारत, केन्या, दक्षिण अफ्रीका, श्रीलंका और ज़िम्बाब्वे को रखा गया। ग्रूप बी में ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, पाकिस्तान, न्यूज़ीलैंड और वेस्ट इंडीज़ को रखा गया। दोनों ग्रूप से पहली तीन पोज़ीशन हासिल करने वाली टीम सुपर सिक्स में आई और फिर सुपर सिक्स के बाद टॉप पर रहने वाली चार टीमों को सेमी फाइनल में जगह मिली। मैंचेस्टर में खेले गए पहले सेमी फाइनल में पाकिस्तान ने न्यूज़ीलैंड को 9 विकेट से हरा दिया जबकि दूसरे सेमी फाइनल में ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका का मैच टाई रहा। विश्व कप में एक बार फिर किस्तमत ने दक्षिण अफ्रीका का साथा नहीं दिया और चूंकि लीग मैचों में खेले गये फाइनल में पकिस्तान ने पहले बल्लेबाज़ी की और उसकी पूरी टीम सिर्फ 132 रन बनाकर आउट हो गयी। बाद में जीत के लिए जरूरी रन ऑस्ट्रेलिया ने 21 ओवर में ही बना लिए। शेन वार्न को मैन ऑफ द मैच का खिताब मिला। 1987 के बाद ऑस्ट्रेलिया की टीम दूसरी बार विश्व कप चंपियन बनी। दक्षिण अफ्रीका के हरफनमौला खिलाड़ी लांस क्लूजनर मैन ऑफ द सिरीज़ चुने गये।

आठवाँ विश्व कप 2003

2003 में आयोजित आठवाँ विश्व कप संयुक्त रूप से दक्षिण अफ्रीका, जिम्बाब्वे और केन्या में हुआ। इस बार इस टुर्नामेंट में 14 टीमों ने भाग लिया। 14 टीमें दो ग्रूप में बांटी गईं। हर ग्रूप से पहला दो स्थान हासिल करने वाली टीम सेमी फाइनल में पहुंची। पहले सेमी फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाज़ी करते हुए कप्तान रिकी पोंटिंग के शतक की बदौलत निर्धारित 50 ओवर में 2 विकेट के नुकसान पर 359 रन बनाए। जवाब में भारत की पूरी टीम 234 रन बना कर आउट हो गयी। ऑस्ट्रेलिया ने लगातार दूसरी और कुल मिला कर तीसरी बार विश्व कप पर कब्ज़ा किया। रिकी पोंटिंग को मैन ऑफ द मैच के खिताब से नवाज़ा गया जबकि सचिन तेंदुलकर मैन ऑफ द सिरीज़ का पुरस्कार हासिल करने में सफल हुए।

नौवाँ विश्व कपा 2007

2007 में नौवें विश्व कप का आयोजन पहली बार वेस्ट इंडीज़ में हुआ। इस बार इस में 16 टीमों ने भाग लिया जिन्हें चार ग्रूप में बांटा गया। हर ग्रूप से पहले दो नंबर पर रहने वाली टीम सुपर एट में पहुंची और फिर उसके बाद चार टीमें सेमी फाइनल के लिए बची रहीं। पहला सेमी फाइनल श्रीलंका और न्यूज़ीलैंड के बीच खेला गया जिसमें श्रीलंका ने 81 रनों से जीत हासिल की। दूसरे सेमी फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने दक्षिण अफ्रीका को सात विकेट से हराया। 28 अप्रैल को खेले गए फाइनल में ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाज़ी की और बारशि के कारण 38 ओवर के इस मैच में 281 रन बनाए। जवाब में श्रीलंका ने 36 ओवर में 8 विकेट के नुकसान पर 215 रन बनाए। डाकवार्थ लूइस नियम का इस्तेमाल करते हुये ऑस्ट्रेलिया को 53 रनों से विजेता घोषित किया गया। 149 रनों की तूफानी इननिंग खेलने वाले एडम गिलक्रिस्ट को मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार मिला। पूरे टूर्नामेंट में 26 विकेट लेने वाले ग्लेन मेकग्रथ मैन ऑफ दे सिरीज़ पुरस्कार के लिए चुने गए।

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