मेरी लिखने की प्रकिया

0
123

लिखने से पहले,मै माँ सरस्वती को नमन करता हूँ ,
जो विचार मन में आये,उसको फिर मै लिखता हूँ |
देखता रहता हूँ,लोगो की क्रियाओ प्रतिकिर्याओ को ,
फिर उनका मंथन कर,उनको कलम से लिखता हूँ ||

मंच पर चढ़ने से पहले,माँ सरस्वती को नमन करता हूँ,
मंच पर बैठने से पहले,सब कवियों को नमन करता हूँ |
उद्घोषणा होती है जब,मेरे नाम की मंच संचालक द्वारा ,
कविता पाठ करने से पहले,श्रोताओ को नमन करता हूँ ||

आर के रस्तोगी

Previous articleभारतान् जनान ररक्ष
Next articleजैनधर्म के तेईसवें तीर्थंकर पार्श्वनाथ
आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here