लिखने से पहले,मै माँ सरस्वती को नमन करता हूँ , जो विचार मन में आये,उसको फिर मै लिखता हूँ | देखता रहता हूँ,लोगो की क्रियाओ प्रतिकिर्याओ को , फिर उनका मंथन कर,उनको कलम से लिखता हूँ ||
मंच पर चढ़ने से पहले,माँ सरस्वती को नमन करता हूँ, मंच पर बैठने से पहले,सब कवियों को नमन करता हूँ | उद्घोषणा होती है जब,मेरे नाम की मंच संचालक द्वारा , कविता पाठ करने से पहले,श्रोताओ को नमन करता हूँ ||