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उनकी दुआओं से ही बरसती हैं रहमतें - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
पितृमोक्ष अमावस्या (27 सितंबर) पर विशेषः संजय द्विवेदी बुर्जुगों की दुआएं और पुरखों की आत्माएं जब आशीष देती हैं तो हमारी जिंदगी में रहमतें बरसने लगती हैं। धरती पर हमारे बुर्जुग और आकाश से हमारे पुरखे हमारी जिंदगी को रौशन करने के लिए दुआ करते हैं। उनकी दुआओं-आशीषों से ही…