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मनुष्य देह है, त्रिनेत्रधारी शिव ! - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
शिव ही नहीं अपितु प्रत्येक जीवात्मा त्रिनेत्रधारी होता है जिसमें दो नेत्र खुले होते है और एक नेत्र बंद रहता है। हर मनुष्य के केन्द्र में छिपा होता है त्रिनेत्र, थर्ड आई, जो नेत्र बंद होता है, जिसे गुप्त नेत्र या दिव्य चक्षु कहते है। दिव्यचक्षु को योगीजन शिवनेत्र कहते…