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“कोई सन्तान ईश्वर और अपनी माता-पिता के ऋण से उऋण नहीं हो सकतीं” - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
ओ -मनमोहन कुमार आर्य, देहरादून। हमारे जीवन पर हमारे अतिरिक्त किसी अन्य का कोई अधिकार है या नहीं? इस प्रश्न का उत्तर हमें यह लगता है कि ईश्वर और हमारे माता-पिता का हमारे जीवन पर अनेक प्रकार से अधिकार है। इन्हीं के द्वारा हमें यह बहुमूल्य मनुष्य जीवन मिला…