बहुमत नही पायेगा,
क्योंकि सभी ने जनता को,
कभी न कभी छला है।
जनता भी असमंजस मे है,
कौन बुरों मे भला है।
मौन रहकर मनमोहन ने,
राजमाता और राजकुँवर को ही
बस पूजा है।
दामाद सहित सब मंत्रियों ने,
घोटाले पर घोटाले करके,
देश को बेचा और लूटा है,
फिर भी किसी को भी,
अब तक नहीं मिली सज़ा है।
भाजपा मे मोदी का क़द बढ़ा है,
आदमी काम का है पर,
उसके माथे पर भी,
एक कलंक लगा है।
अडवानी अब बूढ़े हो गये है,
फिर अब कौन बचा है ?
बचा है !
इच्छुक दावेदारों की तो,
लम्बी लाइन लगी है,
सुषमा,ममता ललिता और
माया की माया है,
नितीश, मुलायम, और पटनायक
के मन मे इच्छा बड़ी जगी है।
और कितने नाम गिनाऊं,
हर नेता लाइन मे लगा है।
देश की किसको परवाह है ,
धन और सत्ता के लालच मे,
हर दल और नेता फंसा है।
बिखरी लोकसभा आयेगी,
सांसदो की बोली लगेगी,
प्रधानमंत्री कौन बनेगा,
चिल्लमचिल्ली बहुत मचेगी,
देश की जनता अपने चुने
नेताओं के लियें,
ख़ुद को ही कोसेगी !
देश समर्पित नेता मांगे,
संविधान परिवर्तन मांगे,
जनता की,
ये आस कभी क्या पूरी होगी !
,
भारत की मौजूदा राजनीति की सच्ची तस्वीर प्रस्तुत करने के लिए
बीनू जी को बधाई और शुभ कामनाएँ .
thanks