इन उपायों से मिलेगी नौकरी झटपट…!!!!

 वर्तमान में प्रतिस्पर्धा को देखते हुए एक सामान्य व्यक्ति की इच्छा होती है कि उसकी किसी अच्छे संस्थान में नौकरी लग जाए। अगर सरकारी नौकरी लग जाए, तो “जॉब सिक्योरिटी” के साथ भविष्य की भी चिंता नहीं रहती। सेवामुक्त होने के बाद पेंशन की वजह से भी इतना आर्थिक लाभ हो जाता है कि रोजमर्रा का खर्चा चलता रहे। लेकिन नौकरी मिलना इतना आसान नहीं है। योग्यता के अनुसार अगर मौका मिले भी तो वहां सफल होने के लिए सिफारिश चाहिए। अगर जान-पहचान न हो तो हाथ आया मौका भी बेकार सिद्ध होता है। यदि आप नौकरी पाना चाहते हैं और काफी भागदौड के बाद भी वह आपको न मिल पा रही है, साक्षात्कार देते-देते आप निराश हो चुके हैं और आर्थिक तंगी के कारण नौकरी करना भी बहुत आवश्यक हो गया है, तो निम्न उपाय आपकी बहुत सहायता करेंगे। यदि आपको नौकरी की तलाश है, तो घर से निकलने एवं निश्चित स्थान पर पहुंचते के बीच लगातार “मुझे शीघ्र और अवश्य नौकरी मिलेगी” का जाप करते रहें। इसका प्रभाव शीघ्र ही आपको देखने को मिल जाएगा।

यह प्रयोग 21 बार तक किया जा सकता है। इतने समय में नौकरी की प्राप्त अवश्य हो जाएगी। नौकरी मिल जाने पर पहले किसी मंदिर में जाकर नंदीकेश्वर की पूजा करें और फिर घर लौट आएं। यदि आप नौकरी की तलाश में हैं और नौकरी मिल नहीं रही है तो किसी शुभ समय में एक-एक रूपए के 21 सिक्के, 20 सिक्के दो-दो रूपए के, 10 सिक्के पांच-पांच रूपए के और केवल एक अठन्नी- इन सबको तुलसी के गमले की मिट्टी में दबा दें और एक तुलसी की माला को अर्पित कर धूप-दीप से पूजन करें।

जल अर्पित करने के बाद नौकरी मिलने के लिए निवेदन करें तथा 11 परिक्रमा लगाएं। इसके पश्चात् नियमित रूप से पूजन करें। जब नौकरी मिल जाए तो उसी दिन सारे रूपए निकालकर उसका मिष्ठान लेकर छोटी कन्याओं और ब्राह्मणों को खिला दें।

यदि आप नौकरी के लिए साक्षात्कार देने जा रहे है तो पांच अभिमंत्रित कौडियों पर हल्दी का तिलक लगाकर, अपने ऊपर से 11 बार उसार कर, किसी जोशी को 11 रूपए सहित दे दें। आपको सफलता मिलेगी।

यदि आपको लगता है कि नौकरी के लिए साक्षात्कार में कोई आपका विरोध कर सकता है तो आप 11 कौडियों लेकर और उनको काले वस्त्र में बांधकर पोटली का रूप दें तथा विरोधी का नाम लेते हुए पोटली को पीपल वृक्ष के नीचे भूमि में गाड दें।

यदि आप नौकरी प्राप्त करना चाहते हैं तो महीने के पहले सोमवार को श्वेत वस्त्र में काले चावल बांध कर भगवती काली को अर्पित कर दें। इससे नौकरी मिलने के मार्ग प्रशस्त हो जाएंगे।

यदि आप नौकरी के लिए साक्षात्कार देने जा रहे हैं तो प्रात: स्नान के जल में थोडी-सी पिसी हल्दी मिलाकर स्नान करें। तत्पश्चात् घर के पूजा-स्थान में 11 अगरबत्ती जलाकर नौकरी मिल जाने का निवेदन करें। घर से बाहर निकलते समय अपना दायां पैर पहले बाहर निकालें। साथ ही रोटी लेकर घर से निकलें और मार्ग में जो गाय मिले, उसे रोटी खिला दें। यह प्रयोग सफलतादायक सिद्ध होगा।

यदि आप अपना स्थानांतरण किसी इच्छित स्थान पर कराना चाहते हैं तो सोते समय अपना सिरहाना दक्षिण की ओर रखें। तांबे के दो पात्र लें। एक में जल के साथ बिल्वपत्र व गुड तथा दूसरे में जल व 21 मिर्च के दाने डालकर सूर्यदेव को अर्पित करें और इच्छित स्थान के लिए प्रार्थना करें।

यदि आप नौकरी के लिए कोई परीक्षा देने वाले है तो मंगलवार को किसी मंदिर में जाकर बजरंग बाण का पाठ करें तथा उससे पूर्व सोमवार को अनामिका उंगली में चांदी में मोती अथवा जर्तनी उंगली में स्वर्ण में पुखराज जडवाकर धारण करें। 61607; बाजोट पर पीला वस्त्र बिछाकर उस पर 108 मनकों की मंत्रसिद्ध प्राण-प्रतिष्ठायुक्त स्फटिक मणिमाला रख दें और केसर से उसका पूजन करें। फिर अगरबत्ती और दीपक जलाएं। शुद्ध घृत का प्रयोग करें। तदनंतर निम्नलिखित मंत्र का 21 बार उच्चारण करें। इस प्रकार 21 दिन यह क्रिया करने से वह माला “विजय माला” में परिवर्तित हो जाती है। नौकरी के लिए जब किसी इण्टरव्यू में जाएं तो उस माला को गले में डालकर जाएं। सफलता अवश्य मिलेगी। मंत्र यह है- ओम् ह्नी वाग्वादिनी भगवती मम कार्य सिद्ध करि फट् स्वाहा।।

किसी भी शुक्रवार को प्रात: काल उठकर, बिना किसी से कुछ भी बोले सवा पाव उडद के आटे की रोटी बनाएं और उसे अपने हाथों से सेकें। तत्पश्चात् रूमाल पर रोटी के 11 टुकडे करके रख दें। उनमें से एक टुकडे के पुन: 11 टुकडे करें और उनको सामने रखकर निम्न मंत्र का जाप करें- ओम् नमो महादेवि सर्वकार्य सिद्धकरणी नमो नम:।।

जब 11 सौ मंत्र पूरे हो जाएं तो उन छोटे टुकडों को जल में प्रवाहित कर दें। रोटी के शेष तीनों भागों में से एक कुत्ते को, दूसरा कौओं को दें तथा तीसरे भाग को मार्ग में फेंक दें। कुल 40 दिन के इस प्रयोग से नौकरी अवश्य मिलती है।

जो व्यक्ति या युवक काम की तलाश में मारा-मारा फिरता हो, उसे कहीं काम न मिलता हो तो यदि वो इस यंत्र की साधना करे तो वह कहीं न कहीं काम या नौकरी अवश्य पा जाएगा। रविपुष्य योग में गोरोचन, कपूर, केसर और गंगाजल को मिलाकर, चमेली की कलम से यंत्र लिखे। लिखते समय मुंह में मिश्री की डली डाल लें। यंत्र तैयार हो जाने पर उसे धूप-दीप देकर अपनी दाई भुजा पर बांधें। इस यंत्र का प्रभाव नौकरी-धंधा दिलाने में सहायक होता है। यंत्र में नीचे नाम और राशि अवश्य लिखी जानी चाहिए।

 

आज इस भीषण बेकारी के युग में हर तीसरा नवयुवक नौकरी के लिए भटक रहा है। बेकार नौजवानों के लिए नौकरी दिलाने अथवा उनका काम-धंधा जमाने में यह ताबीज रामबाण के सदृश अचूक सिद्ध होता है- इस यंत्र को मंगलवार या गुरूवार के दिन से लिखना शुरू करें। भोजपत्र पर अष्टगंध स्याही से अनार की कलम द्वारा लिखें। प्रतिदिन 201 यंत्र लिखें। जब पांच हजार यंत्र लिखे जा चुकें तो आखिरी यंत्र को स्वर्ण या तांबे के ताबीज में बंद करें और ताबीज को दाहिनी भुजा में बांध लें। शेष यंत्रों को आटे की गोलियों में बंद करके दरिया में बहा दें।

 

8 COMMENTS

  1. जिंदगी में खुश रहने के दो ही उपाय है जो मिल रहा है उसमे खुश रहो या दोसरा उपाय जो नहीं मिला उसे बूरा सपना समछ कर भूल जाये

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