तीसरा विश्वयुद्ध शुरू – नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी पूर्णता की ओर

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मैं जो लिख रहा हूँ वह कोई आजकल की लिखी हुई किताब से नही है बल्कि 14 दिसंबर 1503 को फ्रांस में जन्मे नास्त्रेदमस की लिखी भविष्यवाणी पर आधारित  पुस्तक से  पढकर लिख रहा हूँ ।
                                      नास्त्रेदमस की दुर्लभ भविष्यवाणी नामक इस पुस्तक के अनुवादक अशोक कुमार शर्मा हैं । मैं इस पुस्तक को पढ रहा था कि इसके पृष्ट क्रमांक 48 पर निगाह पडते ही मैं सन्न रह गया इसमें लिखा है “एक पनडुब्बी में तमाम हथियार और दस्तावेज लेकर वह व्यक्ति इटली के तट पर पहुंचेगा और युद्ध शुरू करेगा । उसका काफिला बहुत दूर से इतालवी तट तक आएगा “
                              अब इसके आगे की लाइन पर गौर फरमाएँ –  अगर विश्व मानचित्र को ध्यान से देखा जाये तो इटली के तट की ओर आने के लिये सबसे उपयुक्त रास्ता समद्र मार्ग ही लगता है । आधुनिक युद्धों में किसी भी देश पर मिसाइल तथा विमानों से आक्रमण करना तो संभव होगा नही । फिर पनडुब्बी द्वारा समुद्र के भीतर-भीतर होकर एक दम किसी देश पर हमला कर देना आसान भी  है और कम जोखिमभरा भी । अपने ही देश में दुश्मन पर अणु बम भी नही चलाया जा सकता । इससे मुकाबला सैनिको के बीच होगा न कि तकनीक के बीच ।
                                                        इसके बाद की लाइनों ने ही मेरे होश उडा दिये इसमें साफ साफ लिखा गया कि – इटली के चारो ओर मित्र राष्ट्र हैं मगर कुछ ही दूरी पर लगभग एक हजार किलोमीटर के क्षेत्र में लीबिया, अल्जीरिया, मिश्र, सउदी अरब, तुर्की और इस्राइली तट हैं । इनमें से कौन सा देश युद्ध शुरू करेगा अनुमान लगाना कठिन है मगर पश्चिमी समीक्षक यह संदेह करते हैं कि लीबिया यह कारनामा कर सकता है ।
                                     अब इसे पढने के बाद आप बतायें कि हाथों को लिखने से कैसे रोका जा सकता है । चाहे जैसी भी समीक्षा की की गई हो लेकिन यह बहुत ही सटीक भविष्यवाणी है ।  इन भविष्याणीयों में और भी कई बातें जुडी हुई है मगर वर्तमान में जिस तरह से वातावरण बन रहा है उसमें अमेरिका- रूस का गठबंधन एवं पूर्व में चीन- अरब गठबंधन बनने की आशंका बताई गई है । अभी हाल ही में इरान नें अमेरिका को लीबिया में दखलंदाजी करने से मना किया है । लेकिन ऊपर जिस तरह से पनडुब्बी की बात आई है उससे तो यही लगता है कि अमेरिका मित्र देशों के साथ मिलकर लीबिया को नो फ्लाई जोन में तब्दील करवा सकता है जिसके बाद गद्दाफी के पास पनडुब्बी के अलावा कोई दुसरा विकल्प नही बचेगा । 
                          अभी अभी की खबर है  –     समाचार चैनल ‘अल जजीरा’ के मुताबिक रास लानूफ शहर के ऊपर लड़ाकू विमान चक्कर लगा रहे हैं, जबकि विद्रोही विमानों का अपना निशाना बना रहे हैं। यानि की मैं इस खबर को लिख रहा हूँ और भविष्यवाणी का समय पास आता जा रहा है । इसके अलावा इसमें जिस तरह से विश्व के नेताओं की स्थिति जाहिर की गई है वह इस समय बिल्कुल सही स्थान पर है जैसे – तीन ओर  जल से घिरे देश में  एक नेता होगा जो जंगली नाम वाला होगा (इसकी व्याख्या इस प्रकार की गई है की भविष्य में कोई सिख(सिंह ) भारत मे प्रधानमंत्री पद पर बैठेगा ) वर्तमान में मनमोहन सिंह इसी पद पर हैं , एक देश मे जन क्रांति से नया नेता सत्ता संभालेगा ( मिश्र में हो चुका है )  नया पोप दुसरे देश में बैठेगा (वर्तमान के पोप फ्रांस में रहते हैं ) मंगोल (चीन) चर्च के खिलाफ युद्ध छेडेगा ( चीन नेंं अमेरिका को लीबिया से दूर रहने की सलाह दे डाली है ) इसके अलावा और भी कई चीजें ऐसी होने वाली है जो कुछ ही दिनों में पूरी हो सकती है । जैसे – छुपा बैठा शैतान अचानक बाहर निकल आएगा ( ओसामा या अन्य बडा आतंकवादी समाने आ सकता है) नया धर्म (इस्लाम) चर्च के खिलाफ भारी मारकाट करते हुए इटली और फ्रांस तक जा पहुंचेगा । 
                                                   उफ्फ्फ्फ्फ ना जाने और भी कितनी बातें है जिन्हे पढने से ही सिहरन हो जाती है । लेकिन जो नियती है वह तो निभ  कर ही रहेगी । 

9 COMMENTS

  1. जब आवैगा बीसवे बीसा ना रहेगा ईसा ना रहेगा मूसा पार किया नानक घीसा राज करेगा कबीर जगदीशा…..२०२० 2020 tak sab change ho jayega…islam aur christanity khatam hoti dikhai degi…..sab apne asli bhagwan khuda waheguru kabir ko pahchan lenge aur sirf unhi ki bhagti aur puja hua karegi…..2026 tak is baat ko pura vishav savikar karega ….

  2. कहा गया है –
    सन दो हजार बीसा l
    मुस्लिम रहे ना ईसा l l

  3. @ harpal singh इस किताब का नाम नास्त्रेदमस की रोमांचक भविष्यवानियाँ है, इसका संकलन एवं सम्पादन किया हैं श्रीमान राजीव तिवारी ने यह मनोज पाकेट बुक्स ने प्राकाशित की है, यह किताब किसी भी रेलवे स्टेशन पर आसानी से उपलब्ध है.

  4. देर से जवाब देने हेतू क्षमायाचना सहित … आप सभी के उत्तर क्रमशः दे रहा हूँ – अमीत जी आपने लेख को अच्छी तरह से समझे हैं उसके लिये आपका धन्यवाद । सिंग साहब आपकी शंका बिल्कुल सही है और आज भी यह सबसे बजी पहेली है कि जिस समय किसी भी तरह के अविष्कार नही हुये थे उस समय में नास्त्रेदमस नें अद्भूत ढंग से जहाजों और पनडब्बी सहित तमाम परमाणु हथियारों की विभिषिका देख चुके थे । उनही की एक लाइन औऱ है कि – सूवर जैसे मुंह वाले लोग इधर उधर घूमेंगे । अब जरा सोचें कि आदमी गैस मास्क पहनने के बाद कैसा दिखता है । —- अब आज की ही एक खबर बताता हूँ जब मैने यह लेख लिखा तब उस समय सूनामी नही आई थी लेकिन देखिये मैने लाइन की जो हू बहू कापी किया था कि अपने ही देश में दुश्मन पर अणु बम भी नही चलाया जा सकता ……. अब आप ही बताये कि जापान के परमाणु रियेक्टर से निकले रेडियेशन का कौन सा देश जवाबदार है । ……हरपाल सिंह जी पुस्तक का नाम है नास्त्रेदमस की भविष्यवाणियां जिसे डायमण्ड प्रकाशन द्वारा २००१ में तीसरा संस्करण निकाला गया था ।

  5. मिश्र जी ये किताब कहा मिलेगी प्रकाशन फोन न जरुर बताये अच्छा लेख है समयानुकूल

  6. आर.सिंह जी भविष्यवानियों का तो जैसा मतलब निकालना चाहो अपने तर्कों से निकाला जा सकता है, और हमारे टी.वी चैनल इस पुनीत कार्य को बहुत समय से बड़ी निष्ठा के साथ कर रहे हैं, एक चैनल है live india कल ही उसके दो कारिंदे पुष्पक विमान में बैठकर अपना ज्ञान बघार रहे थे, इनकी भली पूछी जब ये विमान बनाए जा सकते थे तो स्टीम इंजन क्या चीज है, हां,हां,हां,हां.

  7. मेरे समझ में नहीं आया कि क्या निम्न उद्धृत पंक्तियाँ भी नास्त्रेदमस की ही लिखी हुई है?
    “अगर विश्व मानचित्र को ध्यान से देखा जाये तो इटली के तट की ओर आने के लिये सबसे उपयुक्त रास्ता समद्र मार्ग ही लगता है । आधुनिक युद्धों में किसी भी देश पर मिसाइल तथा विमानों से आक्रमण करना तो संभव होगा नही । फिर पनडुब्बी द्वारा समुद्र के भीतर-भीतर होकर एक दम किसी देश पर हमला कर देना आसान भी है और कम जोखिमभरा भी । अपने ही देश में दुश्मन पर अणु बम भी नही चलाया जा सकता । इससे मुकाबला सैनिको के बीच होगा न कि तकनीक के बीच । ” तब तो बाकई गजब की बात है कि उस समय भी उसे मालूम था कि भविष्य में परमाणु हथियार भी बनेंगे और इस्तेमाल होंगे.,जबकि उस समय तो वायुयान कि कौन कहे ,शायद स्टीम इंजिन का भी आविष्कार नहीं हुआ था.

  8. भविष्य वाणी कुछ भी हो लेकिन अगले सात-आठ महीनो में विश्वयुद्ध साफ़ दिख रहा है, इस्लाम में प्रजातंत्र के लिए कोई स्थान नहीं है, अतः यह युद्ध अगर देखा जाये तो मिस्त्र से आरंभ हो चुका है, इसकी भीशंता लिबीया के भविष्य पर निर्भर करेगी, अगर गद्दाफी अपने अभियान में सफल रहे तो विश्व युद्ध ताल सकता है और अगर गद्दाफी को पराजय झेलनी पड़ी तो आधे विश्व का खात्मा तय है.

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