इस कोरोना ने सड़कों को सुनसान कर दिया।

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चार मुक्तक आज के संदर्भ में।

इस कोरोना ने सड़कों को सुनसान कर दिया।
हर इंसान को घर में अब बन्द कर दिया।।
अब इंसान आराम नहीं,रोजी रोटी चाहता।
इस आराम ने भी इंसान को परेशान कर दिया।।

कुछ सिखाकर यह दौर भी गुजर जाएगा।
उम्मीद रकखो अच्छा वक़्त भी आएगा।।
रहता नहीं वक़्त एक सा किसी इंसान का।
कल आज में और आज कल में बदल जाएगा।।

उम्मीद पर दूनिया कायम इसे मत छोड़ो।
बुरा वक़्त आया है,अखरोट की तरह फोडो।।
बुरा या अच्छा वक़्त टिका नहीं जिंदगी मै।
अच्छा वक़्त जरूरआएगा,उम्मीद मतछोड़ो ।।

इसने मजदूरों को बेरोजगार कर दिया।
शहरों को खाली कर,गावों की ओर कर दिया।।
उद्योग धंधे भी मजदूर बिन न चल पायेगे।
अब इस कोरोना ने यह सिद्ध कर दिया।।

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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