pravakta.com
यही ज़िन्दगी है - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
कभी लगता है , मुट्ठी में है दुनिया, कभी जिंदगी रेत-सी, मुट्ठी से फिसल जाती है। कभी जीत जाते हैं, सब कुछ हार कर भी , कभी जीत कर भी, सब कुछ हार जाते हैं। यह जिंदगी है दोस्तों , यह कभी, सीधी रेखा में नहीं चलती। टेढ़े -मेढ़े ,उल्टे-…