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यह समय परखने का नहीं, साथ चलने का है - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
मनोज कुमारकोरोना महामारी को लेकर आज जो भयावह स्थिति बनी हुई है, वह किसी के भी अनुमान को झुठला रही है. एक साल पहले कोरोना ने जो तांडव किया था, उससे हम सहम गए थे लेकिन बीच के कुछ समय कोरोना का प्रकोप कम रहने के बाद हम सब लगभग…