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ये नीरज की प्रेमसभा है,,,,, - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
अतुल गौड़ ये नीरज की प्रेमसभा है जरा संभल कर आना जी.... अब से नीरज जी की वो प्रेमसभाओं में नीरज जी की भर्राई सी गूंज नहीं होगी न अब कोई उनका गीत होगा न कोई नयी कविता होगी पर नीरज तक ही जाने वाले मुसाफिरों ये सफ़र की आखरी…