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पानी फेकें कम से कम - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
नहीं बचा नदियों में दम, पानी बहुत बचा है कम. अगर न होगा पानी तो, कैसे बचे रहेंगे हम। खुला छोड़ नल आते हैं, पानी व्यर्थ बहाते हैं। भर गिलास पानी लेते, आधा ही पी पाते हैं। जितना हमको पीना है, उतना क्यों न लेते हम.। ढेर -ढेर वर्षा का…