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आदमी नहीं वक्त सिकंदर होता है - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
---विनय कुमार विनायककुर्सी मिली है तो अच्छा काम करना,कुर्सी मिली है तो मनुष्य बनके रहना,कुर्सी का कर्म नहीं है अहं पालने का,ठीक नहीं कुर्सी की अकड़ दिखलाना! ये जो जनता तेरे सामने में खड़ी है,उससे तेरे कुर्सी की साईज नहीं बड़ी,कुर्सी का धर्म नहीं धौंस जमाने का,खेलो नहीं खेल हाथी…