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आज की आवश्यकता है एकात्म मानवदर्शन - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
जिस समय न केवल दुनिया में बल्कि भारत में भी इन विचारधाराओं का वर्चस्व था, खासकर साम्यवादी विचारधारा का, तब संघ के द्वितीय संघचालक माधव सदाशिव राव गोलवलकर ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय को यह जिम्मेदारी सौंपी थी कि वह प्रकृति के अनुकूल विचारदर्शन प्रस्तुत करें। इसके बाद ही पंडित दीनदयाल…