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आज का आदमी - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
आज का आदमी,आदमी कहाँ रह गया है वह तो आज की,चकाचोंध में बह गया हैअगर आज, आदमी,आदमी होता तो वह आज की चकाचोंध में न बहता आज के आदमी में,आदमियत निकल चुकी है वह तो आज स्वार्थ के हाथो बिक चुकी है अगर आज आदमी में स्वार्थ न होता तो वह आज आदमियत से बंधा…