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कथा में नई दृष्टि और भाषा गढ़ती हैं रीता सिन्हा - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
फिर सुनें स्त्री-मन और जीवन की कहानियां चण्डीदत्त शुक्ल चूल्हे पर रखी पतीली में धीरे-धीरे गर्म होता और फिर उफनकर गिर जाता दूध देखा है कभी? ऐसा ही तो है स्त्री-मन। संवेदनाओं की गर्माहट कितनी देर में और किस कदर कटाक्ष-उपेक्षा की तपन-जलन में तब्दील हो जाएगी, पहले से इसका…