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टीआरपी के दुष्चक्र में फंसा बुद्धू बक्सा - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
डॉ0 आशीष वशिष्ठ लोकतंत्र के चैथे स्तंभ प्रेस की भूमिका, कार्यशैली और व्यवहार में तीव्र गति से परिवर्तन आ रहा है। एक ओर जहां जन अपेक्षाओं का बोझ है तो वहीं दूसरी ओर बाजार में टिके रहने की जदोजहद और पेशागत मजबूरियां भी हैं। बाजारीकरण, उदारीकरण ने जहां पत्रकारिता के…