सच्चे मित्र की पहचान

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मित्र वहीं जो बुरे वक़्त पर तुम्हारे काम आए।
बने सुख दुख का साथी सच्चा मित्र कहलाए।।

बन जायेगे सभी मित्र जब दौलत है होती।
बने उस वक़्त वह मित्र जब गरीबी है होती।।

देते है इसलिए कृष्ण सुदामा का उदाहरण।
एक था राजा दूसरा था गरीब बेचारा ब्राह्मण।।

मित्र वही हैं जो तेरे आंसू देख खुद रो जाए।
मिले एक रोटी दोनों बाट आधी आधी खाए।।

खून के रिश्ते से मित्रता का रिश्ता बड़ा है होता।
दुनिया के हर रिश्ते से ये रिश्ता अलग है होता।।

मित्र वही है जो एक आंसू से तुम्हे नहला दे।
बुरे वक़्त और बीमारी पर तुम्हे सहला दे।।

मित्र वही है जो तुमको रोते हुए भी oबहला दे।
खुद न खाकर अपने मुंह का गस्सा तुम्हे खिला दे।।

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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