ना मैं पागल हूं,
ना कोई दीवाना,
फिर भी क्यों,
प्यार करता हूं,
ना कोई तम्मना,
ना बुरा इरादा,
फिर भी क्यों,
इतंजार करता हूं,
ना प्रश्न कोई,
ना उत्तर उसका,
फिर भी क्यों,
बेचैन रहता हूं,
ना तुम बोलो,
ना मैं कुछ कहूं,
फिर भी क्यों,
आवाज़ होती है,
ना मैं जानूं,
ना तुम पहचानो,
फिर भी क्यों,
रिश्ता लगता है,
ना मैं मिलता,
ना तुम आतीं,
फिर भी क्यों,
ख्वाब सताता है,
ना हिम्मत है,
ना है समझ,
दूरियां है जो,
बस घटती नहीं,
कुछ सम्बन्ध हैं,
जो होते नहीं,
कुछ लोग हैं,
जो अपने नहीं,
ना होकर भी,
ना जाने क्यों,
सच्चे लगते हैं I