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शिक्षा-दीक्षा की आदर्श परंपराएं संस्कारहीनता के आगे बौनी हो गई हैं - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
डॉ. दीपक आचार्य शिक्षा-दीक्षा और संस्कार ये जीवन निर्माण के वे बुनियादी तत्व हैं जो व्यक्तित्व के विकास के लिए नितान्त अनिवार्य हैं और इनके संतुलन के बगैर न शिक्षा का महत्त्व है न संस्कारों का। अकेली शिक्षा-दीक्षा और अकेले संस्कारों से व्यक्तित्व के निर्माण और जीवन निर्वाह की बातें…