योगी सरकार के फैसलों से बड़े बदलाव की आहट

मृत्युंजय दीक्षित

प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार अपने फैसलों के चलते अब प्रदेश के हर विभाग और हर क्षेत्र में  व्यापक परिवर्तन की आहट सुनायी पड़ने लग गयी है। यह बात सही है कि अभी नई सरकार बनी है और वह केवल अभी पुरानी देनदारी को ही निपटाने में लगी है। प्रदेश सरकार अभी बहुत ही आरम्भिक अवस्था में हैं लेकिन अपने फैसलों के चलते वह जनता का दिल जीतने का भरसक प्रयास कर रही है। सरकार ने कम से कम अपने फैसलों से यह जता दिया है कि इस सरकार में  अपराधियों ,भ्रष्टाचारियों तथा दलालों की कहीं दाल नहीं गलने वाली है वह चाहे जितनी साजिशें कर डालें। सरकार पूरी ताकत के साथ चुनावों के दौरान जनता के साथ किये वादों को पुरा करने में जुट गयी है। सरकार व प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ छोटे छोटे कदम उठा रही है लेकिन वह भी बड़े बदलाव लाने के लिए।

प्रदेश सरकार अब आनलाइन प्रणाली को अपनाने जा रही ही है जिसके कारण हर विभाग में पारदर्शिता आ जायेगी तथा सभी विभागों के टेंडर आदि अब आनलाइन होने के कारण भ्रष्टाचार की गूंज समाप्त हो जायेगी । सरकार व शासन की कार्यशैली में एक बड़ा बदलाव महसूस किया जा रहा है। मुख्यमंत्री खुद जनसुनवाई कर रह हैं तथा मंत्रियों व अन्य अधिकारियों  ने भी  जनसुनवाई का काम आरम्भ कर दिया है। मुख्यमंत्री जिलों का भ्रमण भी कर रहे हैं तथा वहीं पर स्थलीय समीक्षा भी कर रहे हैं। यह उनकी कार्यशैली का मुख्य अंग है। यह जारी रहेगा और सौ दिन बात उन्होनें कड़ी कार्यवाही की चेतावनी भी दी है। ऐसा पहली बार हो रहा हे कि मुख्यमंत्री कार्यालयों में जाकर समीक्षा बैठक कर रहे हैं तथा प्रस्तुतीकरण में मंत्री व अफसर साथ में बैठ रहे हैं। सभी को सौ दिन का लक्ष्य दिया गया है। मुख्यमंत्री की कार्यशैली की प्रशंसा हो रही है। आईआईएम लखनऊ के प्रोफेसर हिमांशु राय का कहना है कि ,“ यह मैनेजमेंट की दृष्टि से बहुत अच्छा काम कर रहे हैं। मंत्री व आईएएस कम से कम साथ बैठ तो रहे हैं। प्रदेश सरकार किसानों को बड़ी राहत दे चुकी है तथा उसकी कार्ययोजना भी बन गयी है। गन्ना किसानों के बकाये पर 248 करोड़ ब्याज देने के फैसले ने बड़ी तादाद में किसानों को राहत दी है। गेंहूं खरीद में  पहली बार किसानों  को भष्टाचारमुक्त सीधा लाभ हो रहा है। सरकार की गतिविधयों के कारण ही विपक्षी दलों में यह डर बैठ गया है कि यदि भाजपा सरकारें के अपने लक्ष्य की पूर्ति करने में सफल हो गयी तो उनकी राजनीति ही समाप्त हो जायेगी । यही कारण है कि अशिक्षित किसानों को फर्जी भड़काकर किसान आंदोलन का हौवा खड़ा किया जा रहा है।

प्रदेश सरकार युवाओं से लेकर पर्यटन के विकास सहि सभी को 24 घंटे बिजली देने के वादे पर भी काम कर ही है। प्रदेश सरकार  पुलिस तंत्र के साथ मिलकर प्रदेश को  अपराध से जड़मुक्त  समाप्त करने के लिए भी कृतसंकल्प है। सरकार सबको समान व उच्च क्वालिटी की शिक्षा देने के लिए भी वचनवद्ध है। यही कारण है कि अब सरकार शिक्षा जगत में  व्यापक परिवर्तन करने ज रही है। सरकार ने बोर्ड में  एनसीआरटी की किताबो को पढ़ाने का निर्णय किया है। प्रदेश सरकार ने  महापुरूषों की जयंती पर होने वाले अवकाशों को बंद करने करने का निर्णय लेते हुए कहा है कि अब महापुरूषांे की जयंती पर होने वाले अवकाश की जगह बच्चों को उनके बारे में  जानकारी दी जायेगी। सरकारी पाठयक्रमों में योग व महापुरूषों को शामिल करने की जोरदार तैयारी चल रही है। वहीं दूसरी ओर सरकार ने तय किया है कि अब छोटे बच्चांे के स्कूलों में शनिवार को पढ़ाई नहीं हुआ करेगी अपितु खेलकूद व ज्ञान प्रतियोगिताओं आदि का आयोजन हुआ करेगा।

प्रदेश के मुख्यमंत्री का हर बैठक में यही कहना है कि राज्य सरकार जनता को सवंेदनशील,पारदर्शी तथा भ्रष्टाचारमुक्त प्रशासन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है कि कानून व्यवस्था,विकास एवं जनकल्याणकारी योजनाओं का प्रभावी  क्रियान्वयन किया जाये। मुख्यमंत्री ने पुलिस अधिकारियों को अपराधियों से सख्ती से निपटने का निर्देश दे रखा है। सरकार का स्पष्ट निर्देश है कि अपराधियों को संरक्षण देने वाले लोगों से सख्ती से निपटा जाये। मुख्यमंत्री का कहना है कि अपराध पर नियंत्रण के लिए पैदल गश्त, पेट्रोलिंग आदि को बढ़ाव दिया जाये। इसमें महिलाओं के साथ होने वाले  अपराधों समेत डकैती, लूट व हत्या जैसे गंभीर अपराधोंपर प्रभावी नियंत्रण किया जाये।

यह बात सही है कि प्रदेश में अपराध का बहुत तेजी से बढ़ा है लेकिन जिस तेजी से बढ़ा है पुलिस बल पर सरकार का दबाव काम भी कर रहा है तथा अपराधियांे पर कार्यवाही भी हो रही है। अभी जिस प्रकार से सपा, बसपा व कांग्रेस सहित अन्य दल भाजपा को हर हाल मे उखाड़ फेंकने के लिए एक हो जाते हैं उसी प्रकार हर वर्ग का अपराधी समूह भी एक हो गया है तथा मुख्यमंत्री की चेतावनी को अपराधियों ने भी स्वीकार कर लिया है। यही कारण है कि आज प्रदेशभर में एकाएक हर प्रकार के अपराधों में बाढ़ सी आ गयी है।  जिन लोगों को अपनी राजनैतिक पराजय स्वीकार नहीं है वह लोग प्रदेशभर में जातीय व साम्प्रदयिक तनाव का वातावरण पैदा करके सामाजिक समरसता को भंग करने का प्रयास कर रहे हैं। विगत दिनों रामपुर में छेडछाड़ की एक बड़ी वारदात की घटना घटित हुई थी  जिसमें पीडित युवतियां पिछड़े समुदाय की थीं और छेड़खानी करने वाले सभी आरोपी मुसलमान थे। जब उक्त वारदात में शामिल सभी आरोपियों को पुलिस ने पकड़ कर जेल  भेज दिया तब सेकुलर दलों के तथाकथित मीडिया ने वह खबर ही दिखाानी बंद कर दी। ऐसा कई घटनाओं के साथ हो चुका है।  बरेली व मथुरा आदि में जब पुलिस ने बड़ी घटनाओं का खुलास कर दिया और सभी अपराधी पकड़े गये तब टी वी मीडिया वह खबरें दिखाना ही बंद कर देता है। राजधानी लखनऊ व उसके आसापस गैगरेप की कुछ शर्मनाक वारदातें तो हुई लेकिन उन पर त्वरित कार्यवाही भी की गयी है। पुलिस प्रणाली व कार्यशैली में बदलाव आ रहा हैं । अभी तो पुलिस विभाग में विगत 27 साल से बहुत से अध्किारियों ने बहुत मलाइ्र्र खायी है। यह मलाइ्र्र खाने वाले लोग जब पूरी तरह से किनारे कर दिये जायेंगे तब उत्तरप्रदेश में  राम राज्य अवश्य आयेगा। अभी तो पुलिस विभाग ने अपने कारनामों से योगी जी को कुछ हद तक हैरान कर रखा है लेकिन यह अधिक दिनों तक नहीं चलने वाला ।  सौ दिन बाद सभी की खबर ली जाने वाली हैं।

प्रदेश के मुख्यमंत्री जनता की शिकायतों का समय से निपटारा करने के लिये नया फीडिंग सेंटर बनाने का निर्णय लिया है। उन्होनें बताया है कि आईएएस अधिकारी की तैनाती मुख्यमंत्री कार्यालय में की गयी है जो कि शिकायतों का उचित समय में निपटारा सुनिश्चित करेगा। विभिन्न माध्यमों से मिल रही जन शिकायतों को समयसीमा के भीतर निपटारा करने का निर्देश दिया गया है। योगी का साफ कहना है कि जनता की समस्याओं के समाधान में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जायेगी। जिम्मेदार लोगों से सख्ती से निपटा जायेगा। मुख्यमंत्री ने हाल ही में खराब प्रदर्शन कर रहे दस जिलों के जिलाधिकारियों से स्पष्टीकरण मांगा था । इन जिलों में लखनऊ, हरदोई,गौतमबुद्ध नगर ,कानपुर, गोरखपुर, इलाहाबाद, सीतापुर, आगरा, जौनपुर और लखीमपुर खीरी जिलों मे जनसुनाई की शिकायतों के निपटारे के मामले में प्रदर्शन बेहद खराब रहा है।

प्रदेश के मुख्यमंत्री जिस प्रकार से समीक्षा बैठकों के दौरान असमाजिक तत्वों से सख्ती से निपटने का स्पष्ट संदेश दे रहे हैं वह अपने आप में ऐतिहासिक हैं। राजनैतिक विश्लेषकों का कहना है कि  सपा-  बसपा के शासनकाल में प्रदेश की कानून- व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गयी थी । असमाजिक तत्वों को सत्ता का संरक्षण प्राप्त था। प्रदेश में विकास ठप्प पड़ा था। गुंडागर्दी, भ्रष्टाचार, भाई -भतीजावाद, अराजकता तथा जातिवाद व तुष्टीकरण की राजनीति का चरम सीमा तक बोलबाला था। प्रदेश को भयावह परिस्थितियांे से निकालने का काम  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार कर रही है। प्रदेश के ऊर्जा शिक्षा व स्वास्थ्य खनन नीति सभी को भ्रष्टाचार मुक्त होने में  समय तो लगेगा ही। अब प्रदेश मे बिजली चोरी को रोकने के लिए पहली बार अलग से थाने बनने जा रहे हैं तथा बिजली विभाग की अपनी पुलिस भी होगी। ऊर्जामंत्री ने बिजली विभाग से अन्य विभागों से 10 हजार करोड़ रूपये वसूलने के निर्देश दिये हैं यह प्रदेश के इतिाहस मे पहली बार होने जा रहा हैं । केंद्र सरकार ने भी प्रदेश में सड़कों व पुलों आदि के निर्माण के लिए भारी -भरकम खजाना खोल ही दिया है। यह मुख्यमंत्री की सख्ती का ही असर है कि अफसरों ने जनसुनवाई प्रारम्भ भी कर दी है। वहीं बहुत से अफसर अभी भी समझ नहीं पा रहे हैं। बैठकों में ही अफसरों को डांट पड़ने लग गयी है। मुख्यमंत्री कलेक्टेªट में सीधे पहुंचकर बैठक कर रहे हैं। आज प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री जिन तेवरांे के साथ काम कर रहे हैं इससे कुछ समय बाद ही परिवर्तन अवश्य आयेगा तथा उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बनकर रहेगा।

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