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वैदिक धर्म दुःखों से रक्षार्थ सत्य को धारण करने की प्रेरणा करता है - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
-मनमोहन कुमार आर्य मनुष्य का जो ज्ञान होता है वह सत्य व असत्य दो कोटि का होता है। मनुष्य के कर्म भी दो कोटि यथा सत्य व असत्य स्वरूप वाले हाते हैं। अनेक स्थितियों में मनुष्य को सत्य को अपनाने से क्षणिक व सामयिक हानि होती दीखती है और…