मोदी की जीत के बाद के देखने वाले द्रश्य

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आर के रस्तोगी

मोदी सरकार तीन सौ पचास के पार |
विपक्षी दलों में मच गया है हाहाकार ||

कितना मचा लो तुम सब हाहाकार |
अब नहीं बदल सकता है चौकीदार ||

रायबरेली की सीट लेकर क्या नाचेगी |
अब तो वह सीधा इटली को भागेगी ||

प्रज्ञा ठाकुर ने दे दी दिग्विजय को मात |
अब कैसे कटेगी दिग्विजय की दिन रात ||

स्मृति इरानी ने किया है ऐसा प्रहार |
राहुल भैया हो गया अमेठी से बाहर ||

माया ममता और महबूबा रो रही है |
अपने कर्मो को वे सब भोग रही है ||

मिला नहीं अब आँसू पोछने वाला |
आया नहीं कोई रुमाल देने वाला ||

“आप” पाप की कमाई खा रहा है |
इसलिए केजरी झाड़ू लगा रहा है ||

झाड़ू ने आप को कर दिया है साफ़ |
अब दिल्ली जल्द हो जायेगी साफ़ ||

हाथी थक कर साईकिल पर बैठ गया है |
साईकिल का भी चकना चूर हो गया है ||

ई वी एम का हो गया अब खत्म खेल |
सब पार्टिया खेल रही अपना ही खेल ||

महागठबंधन की खुल गयी है गाँठ |
अब किससे करेगा कौन साठ-गाँठ ||

यह तो केवल कलम का ही व्यंग है |
किसी पार्टी से मेरा कोई नहीं संग है ||

आर के रस्तोगी

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आर के रस्तोगी
जन्म हिंडन नदी के किनारे बसे ग्राम सुराना जो कि गाज़ियाबाद जिले में है एक वैश्य परिवार में हुआ | इनकी शुरू की शिक्षा तीसरी कक्षा तक गोंव में हुई | बाद में डैकेती पड़ने के कारण इनका सारा परिवार मेरठ में आ गया वही पर इनकी शिक्षा पूरी हुई |प्रारम्भ से ही श्री रस्तोगी जी पढने लिखने में काफी होशियार ओर होनहार छात्र रहे और काव्य रचना करते रहे |आप डबल पोस्ट ग्रेजुएट (अर्थशास्त्र व कामर्स) में है तथा सी ए आई आई बी भी है जो बैंकिंग क्षेत्र में सबसे उच्चतम डिग्री है | हिंदी में विशेष रूचि रखते है ओर पिछले तीस वर्षो से लिख रहे है | ये व्यंगात्मक शैली में देश की परीस्थितियो पर कभी भी लिखने से नहीं चूकते | ये लन्दन भी रहे और वहाँ पर भी बैंको से सम्बंधित लेख लिखते रहे थे| आप भारतीय स्टेट बैंक से मुख्य प्रबन्धक पद से रिटायर हुए है | बैंक में भी हाउस मैगजीन के सम्पादक रहे और बैंक की बुक ऑफ़ इंस्ट्रक्शन का हिंदी में अनुवाद किया जो एक कठिन कार्य था| संपर्क : 9971006425

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