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व्यभिचार - प्रवक्‍ता.कॉम - Pravakta.Com
जीत करके देह किसी की, क्या तुमने जग को जीत लिया।नग्न मानसिकता है तुम्हारी, जो मानवता को तुमने रिक्त किया।।हो महान तुम सब भी, नारी नोच कर खाते हो।तन को मार पशु भी खाए, तुमने नीच को मीत किया।। दर्पण में कभी खुद को देखो, क्या कभी हंस भी पाओगे।जिस…